महाकुम्भ कब, कहाँ और क्यों होता है और इस बार कहाँ होगा महाकुम्भ?

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महाकुंभ एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो हर 12 वर्षों में आयोजित किया जाता है। यह त्योहार गंगा, यमुना, और सरस्वती नदियों के तट पर आयोजित किया जाता है, जहां लाखों श्रद्धालु स्नान करने और पूजा-अर्चना करने के लिए एकत्रित होते हैं।

महाकुंभ का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। यह त्योहार ऋग्वेद में वर्णित है, जो हिंदू धर्म का सबसे पुराना धर्मग्रंथ है।

महाकुंभ का उल्लेख महाभारत और पुराणों में भी मिलता है।

पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के शाप के कारण जब इन्द्र और अन्य देवता कमजोर हो गए तो दैत्यों ने देवताओं पर आक्रमण कर उन्हें परास्त कर दिया। तब सब देवता मिलकर भगवान विष्णु के पास गए और उन्हे सारा वृतान्त सुनाया। तब भगवान विष्णु ने उन्हे दैत्यों के साथ मिलकर समुद्रमन्थन करके अमृत निकालने की सलाह दी। भगवान विष्णु के ऐसा कहने पर सम्पूर्ण देवता दैत्यों के साथ सन्धि करके अमृत निकालने के प्रयास में लग गए।

अमृत कलश के निकलते ही देवताओं और दैत्यों में अमृत प्राप्ति के लिए भयंकर युद्ध शुरू हो गया और यह युद्ध लगातार बारह दिनों तक चलता रहा।

इस युद्ध के दौरान पृथ्वी के चार स्थानों (प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक) पर कलश से अमृत की बूँदें गिर गयीं। इस युद्ध को शान्त करने के लिए भगवान ने मोहिनी रूप धारण कर सभी देवताओं को अमृत बाँटकर पिला दिया। इस प्रकार देव-दानव युद्ध का अन्त किया गया।

अमृत प्राप्ति के लिए देव-दानवों में परस्पर बारह दिन तक निरन्तर युद्ध हुआ था। देवताओं के बारह दिन मनुष्यों के बारह वर्ष के बराबर होते हैं तथा कुम्भ भी बारह होते हैं। उनमें से चार कुम्भ पृथ्वी पर होते हैं और शेष आठ कुम्भ देवलोक में होते हैं, जिन्हें देवगण ही प्राप्त कर सकते हैं, मनुष्यों की वहाँ पहुँच नहीं है। जहाँ-जहाँ अमृत बूँद गिरी थी, वहाँ-वहाँ प्रत्येक बारह वर्ष पश्चात महाकुम्भ पर्व का आयोजन होता है।


•महाकुम्भ2025 (प्रयागराज)

इस बार महाकुम्भ का आयोजन 14 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में हो रहा है।

महाकुंभ के कुछ और महत्वपूर्ण आकर्षण-


•शाही स्नान- महाकुंभ के दौरान, साधु-संत और अखाड़ों के सदस्य शाही स्नान में भाग लेते हैं।

•अखाड़ों की परेड- महाकुंभ में अखाड़ों की परेड एक महत्वपूर्ण आकर्षण है।

•सांस्कृतिक कार्यक्रम- महाकुंभ में सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे कि संगीत, नृत्य और नाटक, आयोजित किए जाते हैं।

•योग और ध्यान- महाकुंभ में योग और ध्यान के सत्र आयोजित किए जाते हैं।

•स्वास्थ्य शिविर- महाकुंभ में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाते हैं, जहां श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं।


प्रमुख दर्शनीय स्थल:


•संगम- प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम एक महत्वपूर्ण स्थल है।

•हर की पौड़ी- हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे स्थित हर की पौड़ी एक महत्वपूर्ण स्थल है।

•उज्जैन- उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे स्थित महाकालेश्वर मंदिर एक महत्वपूर्ण स्थल है।

•नासिक- नासिक में गोदावरी नदी के किनारे स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर एक महत्वपूर्ण स्थल है।

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