भारत-बांग्लादेश के खराब होते रिश्ते से परेशानी में बांग्लादेशी जनता!

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भारत-बांग्लादेश के खराब रिश्ते का खामियाजा भुगत रही बांग्लादेशी जनता!

     बांग्‍लादेश की यूनुस सरकार भारत से रिश्ते खराब करने पर तुली हुई है लेकिन इसका असर उनके ही लोगों पर पड़ रहा है। अब बांग्लादेश खदीजा खातून को ही देख‍िए, सितंबर में जब ढाका मेड‍िकल कॉलेज के डॉक्‍टरों ने उन्‍हें बताया क‍ि उनके पत‍ि मोहम्‍मद नूरी आलम को तत्‍काल ल‍िवर ट्रांसप्‍लांट कराना पड़ेगा, तो उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पैसों का जुगाड़ हो भी जाए, तो भी बांग्‍लादेश में वो लिवर ट्रांसप्‍लांट नहीं करा सकतीं, क्‍योंक‍ि वहां ऐसी कोई सुविधा ही नहीं है। वे भारत आना चाहती हैं, ताकि हैदराबाद के एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में अपने पत‍ि का इलाज करा सकें। लेकिन तीन महीने हो गए बांग्‍लादेश से तनाव की वजह से उन्‍हें अब तक वीजा नहीं मिल पाया है। वे कहती हैं क‍ि भारत हमारी आख‍िरी उम्‍मीद है।

     खदीजा खातून दो बार हैदराबाद के अस्‍पताल का अप्‍वाइमेंट ले चुकी हैं, लेकिन दोनों बार वे नहीं आ सकीं। अब उन्‍हें 10 जनवरी की तारीख मिली है, लेकिन भरोसा नहीं क‍ि वे आ भी पाएंगी या नहीं। अलजजीरा से बातचीत में उन्‍होंने कहा, अक्टूबर से हमने हर संभव कोशिश की है। ट्रैवल एजेंसियों से संपर्क किया, सरकार में दोस्तों से मदद मांगी। भारत ही हमारी एकमात्र उम्मीद है। खदीजा खातून अकेली नहीं हैं, कई और पर‍िवार हैं जो इलाज के ल‍िए तुरंत भारत आना चाहते हैं, लेकिन उन्‍हें वीजा नहीं मिल पा रहा है।

हर साल 20 लाख लोग इलाज के लिए आते थे भारत

     बांग्‍लादेश के एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल 20 लाख से ज्‍यादा बांग्‍लादेशी इलाज के ल‍िए भारत में आते हैं। वे थाईलैंड और अन्‍य देशों में भी इलाज के ल‍िए जा सकते हैं, लेकिन वहां का खर्च इतना ज्‍यादा है क‍ि काफी मुश्क‍िल आती है। खदीजा को अपने पत‍ि की बिगड़ती सेहत की चिंता है। उन्‍हें उम्‍मीद है क‍ि कुछ द‍िनों में उन्‍हें वीजा मिल जाएगा।

पहले 7000 अब सिर्फ 500 अप्‍वाइंटमेंट प्रतिदिन

     भारतीय वीजा केंद्र ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है क‍ि सिर्फ इमरजेंसी मेड‍िकल वीजा और स्‍टूडेंट वीजा जारी क‍िए जा रहे हैं और उसके लिए भी अप्‍वाइटमेंट स्‍लॉट काफी सीमित हैं। पहले 7000 लोगों को रोजाना अप्‍वाइंटमेंट द‍िया जाता था और अब 500 से भी कम अप्‍वाइंटमेंट ल‍िए जा रहे हैं।

पुराना वीजा खत्‍म, नया मिल नहीं रहा

     कुछ बांग्लादेशी ऐसे भी हैं, जो तनाव कम होने का इंतजार कर रहे थे, अब उनका वीजा समाप्‍त हो चुका है। वे भी फंस गए हैं। उत्तर-पश्चिमी बांग्लादेश के जॉयपुरहाट निवासी 40 वर्षीय शरीफुल इस्लाम ने कहा, मेरा और मेरी पत्नी का वीजा 10 दिसंबर तक वैध था, लेकिन भारत में बांग्लादेश से संबंधित मुद्दों पर तनाव के कारण हम तब यात्रा नहीं कर सके। अब नया वीजा जारी नहीं हो रहा है। वीजा केंद्र के एक अधिकारी ने अल जजीरा को बताया कि उच्चायोग ने आपातकालीन आवेदन स्वीकार करना शुरू कर दिया है, हालांकि ऑनलाइन आवेदन के विकल्प सीमित हैं।

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