भारत के बढ़ते दबाव के कारण मोहम्मद यूनुस का बयान बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर पर प्रतिबंध नही लगेगा।
By -तहक़ीक़ात
दिसंबर 05, 2024
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बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर पर प्रतिबंध नहीं लगेगा!
बांग्लादेश सरकार की तरफ से बताया गया कि अब भगवान कृष्ण की आराध्य संस्था इस्कॉन मंदिर पर प्रतिबंध लगाने का उसका कोई इरादा नहीं है, यह बात मौजूदा सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव सफीकुल आलम ने स्पस्ट की है।
सफीकुल आलम ने यह बात देशद्रोह के आरोप में इस्कॉन से जुड़े धर्म गुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के सिलसिले में उठ रही चर्चाओं के बीच कही है। आलम ने कहा कि उनकी सरकार भारत के साथ मजबूत संबंध चाहती है। भारत को जुलाई अगस्त में बांग्लादेश में हुए राजनीतिक बदलाव को स्पष्ट रूप से मान्यता देनी चाहिए इस बदलाव में सेख हसीना सरकार को हटा दिया गया था अब हमारे द्वपक्षी सहयोग नए सिरे से शुरू होने चाहिए!
संविधान में बदलाव के संकेत!
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा कि शेख हसीना के शासनकाल में सब कुछ नष्ट कर दिया गया था, संविधान और न्यायिक व्यवस्था में बदलाव करने के बाद देश में दोबारा चुनाव कराए जाएंगे उन्होंने यह बात एक विदेशी अखबार को दिए साक्षात्कार में कहीं उन्होंने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था, शासन, नौकरशाही और न्यायपालिका में बड़े बदलाव करने होंगे इसके बाद हम चुनाव कराने की स्थिति में पहुंचेंगे।
न्यूयार्क में आवामी लीग समर्थकों को संबोधित करते हुए हसीना ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले में मोहम्मद यूनुस पूरी तरह से संलिप्त हैं, उनकी सोची समझी साजिश है और उन्हें जिम्मेदार ठहराना चाहिए। शेख हसीना ने कहा कि यूनुस देश में नरसंहार के लिए जिम्मेदार हैं और वह अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने में असफल रहे हैं।
अवामी लीग समर्थकों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारत को वर्चुअल संबोधित करते हुए हसीना ने कहा कि 5 अगस्त को उनकी और उनकी बहन शेख रेहाना की हत्या की साजिश की गयी थी जैसे 1975 में उनके वालिद शेख मुजीब-उर रहमान को मारा गया था। 5 अगस्त के घटना के क्रम के बारे में शेख हसीना ने बताया उन्होंने सेना को गोली ना चलाने का आदेश दिया था जबकि सेना ने उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया। अब बांग्लादेश में हो रहे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ देशभर में आवाज़ उठ रही है।
इस्कॉन मंदिर पर प्रतिबंध न लगाने का यह निर्णय मोहम्मद यूनुस ने भारत के दबाव व समूचे विश्व में इसके विरोध के कारण ही लिया है।
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