किसानों का दिल्ली चलो अभियान शुरू! सरकार कब देगी न्यूनतम समर्थन मूल्य?
By -तहक़ीक़ात
दिसंबर 09, 2024
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किसानों का दिल्ली चलो अभियान शुरू! सरकार कब देगी न्यूनतम समर्थन मूल्य?
किसान और सरकार के बीच बातचीत किसी निर्णायक मोड़ पर अभी तक नहीं पहुंची है, किसान नेताओं का कहना है की सरकार ने कोई भी बातचीत की पहल नहीं की है, केंद्र सरकार के कृषि मंत्री और किसान नेता दोनों अलग-अलग मंचों से अपनी-अपनी बातें और सुझाव रख रहे हैं लेकिन किसी तरफ से कोई ठोस पहल अभी तक नहीं दिखाई पड़ रही है इसके चलते दिल्ली बॉर्डर पर एक बार फिर बड़े आंदोलन की आहट दिखाई पड़ रही है।
किसानों की सबसे बड़ी मांग है की सरकार एमएसपी के लिए कोई ठोस कानून बनाए जिससे किसानों की स्थिति में सुधार हो और इन्हीं मांगों को लेकर किसानों ने आज दिल्ली कूच का ऐलान किया और कहा इस बार जान हथेली पर रख कर आगे बढ़ेंगे।
किसानों का कहना है की सरकार उन्हें झांसे में रख रही है अभी तक उन्हें सरकार की तरफ से बातचीत के लिए कोई ठोस संकेत नहीं मिले हैं इसके चलते हरियाणा में भारी सुरक्षा बल की तैनाती कर दी गई है।
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फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांगों को लेकर 101 बड़े किसानों का जत्था फिर से दिल्ली के लिए कूच करने वाला है, सिंधु बॉर्डर पर पत्रकार वार्ता में किसान नेता श्रवण सिंह ने कहा कि शनिवार का दिन उन्होंने केंद्र सरकार से बातचीत के लिए रखा था लेकिन सरकार की तरफ़ से कोई नेता उनसे नहीं मिला और ना ही केंद्र सरकार में कृषि मंत्री की तरफ से कोई पहल की गई, किसान नेता ने बताया की कृषि मंत्री अलग-अलग मंचों पर जाकर किसानों से बातचीत की बातें कर रहे हैं लेकिन किसी ने भी आकर किसानों से बात करने का कोई प्रयास नहीं किया है इसी वजह से उन्होंने फिर से पैदल दिल्ली मार्च का फैसला किया है।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कहा कि उनका मार्च पूरी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासन में रहेगा किसानों के पास ना पहले हथियार थे और ना अब है, किसान नेता ने कहा सरकार के लोग कहते हैं कि अगर किसानों को मांगों को लेकर बात करनी है तो पैदल क्यों नहीं आते अब किसान पैदल देश की राजधानी जाना चाहते हैं तो उन्हें क्यों नहीं जाने दिया जा रहा। इससे केंद्र सरकार का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब होगा। इस मौके पर किसान नेता ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर दिए जा रहे बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण और गुमराह करने वाला बताया और कहा कि किसान सिर्फ फसलों का उचित मूल्य चाहते हैं, किसानों की स्थिति दिन-प्रतिदिन बदहाल हो रही है। किसान नेताओं का कहना है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है फिर भी भारत में किसानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है और चाहे भाजपा हो या कांग्रेस पार्टी किसी ने किसानों की बदहाली की तरफ अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया है जिससे अधिकांश किसान कर्ज में डूबे हुए हैं और आए दिन किसानों की आत्महत्या करने की घटनाएं सामने आती हैं।
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