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अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन और उनका त्याग
अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन थे, उनसे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका इंग्लैंड के अधीन था। ब्रिटिश हुकूमत की अधीनता से मुक्त होने के लिए अमेरिका को एक युद्ध लड़ना पड़ा था जो इतिहास में अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम के नाम से प्रसिद्ध है। इस युद्ध में विजय प्राप्त कर अमेरिका एक स्वतंत्र राज्य बना, इस विजय का सारा श्रेय जॉर्ज वाशिंगटन को दिया गया। जॉर्ज वाशिंगटन एक लोकप्रिय नेता और सफल सेनापति थे, सभी सैनिक उनका सम्मान करते थे और जनता में भी उनका विश्वास था। अमेरिका का एक-एक सैनिक उनके लिए खुशी-खुशी से अपने प्राण न्योछावर करने के लिए तैयार था। अधिकांश सैनिक जॉर्ज वाशिंगटन को अमेरिका का सम्राट घोषित करना चाहते थे, इसके लिए सैनिकों ने चुपके-चुपके एक योजना बनाई और सभी सैनिकों को इस योजना से अवगत कराया। जब सभी सैनिक इसके लिए तैयार हो गए तो सभी सैनिकों ने सर्वसम्मत से कर्नल निकोला को यह जिम्मेदारी दी कि वह जॉर्ज वाशिंगटन से इस विषय में बात करें।
कर्नल निकोला ने 22 मई सन 1782 को वाशिंगटन को एक पत्र लिखा, कर्नल निकोला के पत्र का वाशिंगटन ने जो जवाब दिया उसका कुछ अंश इस प्रकार है।
श्रीमान
......... मैं श्रीमान को विश्वास दिलाता हूं कि मेरे सारे युद्ध के दौरान मुझे किसी भी घटना से इतना कष्ट नहीं पहुंचा जितना कि इस समाचार से कि सेवा में इस प्रकार की विचारधारा चल रही है। जैसा कि आपने अपने पत्र में प्रकट किया है, मैं ऐसे विचारों से घृणा करता हूं और उनकी कठोर निंदा करता हूं। मैं नहीं समझ पाता मेरे किस आचरण से आपको मेरे सामने ऐसा प्रस्ताव रखने का साहस हुआ। यदि आपको अपने देश का, अपना या आने वाली पीढ़ियों का कुछ भी ध्यान है, यदि आपके हृदय में मेरे प्रति कुछ भी सम्मान की भावना है तो आप इस प्रकार के विचारों को अपने मन से त्याग दीजिए! प्रणाम!
मैं हूं श्रीमान
आपका आज्ञाकारी
जॉर्ज वाशिंगटन
यह कहकर उन्होंने अमेरिका का सम्राट बनने से मना कर दिया। इसी त्याग के कारण वह अमेरिका में और भी लोकप्रिय हो गए।
अमेरिका में लोकतंत्र की स्थापना हुई और जॉर्ज वाशिंगटन अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति बने, दूसरी बार भी सर्वसम्मत से उन्हें ही राष्ट्रपति चुना गया और जब तीसरी बार भी जनता सर्वसम्मत से जॉर्ज वाशिंगटन को अमेरिका का राष्ट्रपति बनाना चाहती थी परंतु उन्होंने यह कहकर उस पद को अस्वीकार कर दिया कि बार-बार एक ही व्यक्ति के राष्ट्रपति चुने जाने से कहीं राजतंत्र या अधिनायकवाद की नींव ना पड़ जाए।
ऐसे थे अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन और जिनके इसी त्याग ने अमेरिका को संयुक्त राज्य अमेरिका बनाया है।
ऐसे रोचक और ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी के लिए पढ़ते रहिये Tahkikaat.com
धन्यवाद...
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