प्रयागराज- महाकुंभ में सनातन धर्म के रक्षक नागा साधुओं का करतब, अग्नि अखाड़े की अदभुत पेशवाई!
प्रयागराज संगम की धरती पर 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक महाकुंभ का भव्य आयोजन होने जा रहा है। महाकुंभ में चारों पीठों के शंकराचार्य और सभी 13 अखाड़े अपनी उपस्थिति दर्ज कराने आते हैं। अखाड़े महाकुंभ में उपस्थिति दर्ज कराने से पहले नगर प्रवेश के लिये भव्य और प्राचीन सनातन संस्कृति से भरपूर एक विशाल शोभायात्रा निकालते हैं उसे पेशवाई कहा जाता है। सभी अखाड़े अपनी सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करते हुए महाकुंभ छावनी प्रवेश करते हैं।
अब तक महाकुंभ में 'श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा' और 'श्री शंभू पंचदश नाम आवाहन अखाड़े' की पेशवाई निकाली जा चुकी है। गुरुवार को संन्यासी परंपरा के श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़े की पेशवाई यानि महाकुंभ मेला छावनी प्रवेश शोभायात्रा बैंड बाजे के साथ बड़े ही धूमधाम से निकाली गई जिसका मुख्य आकर्षण नागा सन्यासी जो भारी संख्या में अपने अनोखे करतब दिखाते हैं जिसे देखने के लिए भारी जनसैलाब उमड़ता है। इसके साथ-साथ अनोखे और अदभुत संकल्प वाले संत भी आते हैं।
इस बार एक ऐसे सन्यासी के दर्शन प्राप्त हुए जो 45 किलो रुद्राक्ष अपने सर पर धारण किये हुए थे, ऐसे अनेक तपस्वी संतो के दर्शन महाकुंभ में प्राप्त करने का सौभाग्य मिलता है।
लाखों की संख्या में नागा साधु-सन्यासी महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए आते हैं और महाकुंभ समाप्ति के बाद पहाड़ों और जंगलों में वापस चले जाते हैं, और तपस्या में लीन हो जाते हैं। कड़ाके की ठंडक में निर्वस्त्र नागा साधुओं का दर्शन अदभुत और आकर्षक होता है।
सनातन धर्म की जय हो
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